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90 दशक में हुआ था नाली का निर्माण, अब हो गया लुप्त?

90 दशक

चौपारण (हजारीबाग): हजारीबाग जिले के स्थित चौपारण  प्रखंड के पपरो ग्राम के बिच (मोहल्ला), जिसे बड़ा वाला गली के भी नाम से जाना जाता है।

क्या कहते हैं यहां के ग्रामीण

वहीं यहां के ग्रामीणों का कहना है कि 90 कि दशक में इस नाली का निर्माण हो पाया था। जिसके बाद से इस रोड में पानी जैसे जल जमाव का समस्या नहीं होती थी। जिसके बाद अगर यहां पे बारिश होती थी तो इस नाली के माध्यम से इस रोड का सारा पानी इस नाली में चला जाता था। जिसके बाद यहां के ग्रामीणों को आने-जाने में कोई दिक्कत जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता था। वहीं  ग्रामीणों ने आगे कहा कि जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे इस नाली का एक्सपायरी डेट भी आता गया। 90 की दशक भी चल गया और अब 21वीं सदी भी आ गई है। लेकिन जो नाली 90 की दशक में निर्माण हुई थी। अब पूरी तरह से जमीन में लुप्त हो गया है। लेकिन इस समस्या को देखने के लिए कोई भी नहीं आते हैं। वहीं आगे और ग्रामीणों ने कहा कि जिस तरह से 90 की दशक में खुशहाल तरीके से यहां के ग्रामीण अपना जीवन यापन कर रहे थे।

वहीं 21वीं सदी में यहां के ग्रामीणों को नाली से जुड़ी बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। और आमतौर पर यहां पे देखां जय तो इस रोड में जल जमाव हो जाति है। वहीं और  देखा जाए तो बारिश कि दिनों का जितना भी पानी होती है। वो इस रोड में जल जमाव जैसी समस्या उत्पन्न कर देती है। और नाली ना होने के कारण रोड से ही जितना भी पानी होती  है, वो इस रोड के ही  माध्यम से ही रोड में जितने भी बारिश वाला पानी होता है। वो इसी रोड के माध्यम से पानी जा पाता है, जिस वजह से यहां के ग्रामीण हो या फिर अपने उज्जवल भविष्य कि राह देखं रहे विद्यार्थी गण  हो या इस ग्राम के जितने भी बूढ़े बुजुर्ग हो उन्हे भी इस जल जमाव जैसी समस्या हो उन्हे भी इस रोड में  बारिश कि पानी से भरी  (छोटी गंगा) को पार करने के बाद ही जाना पड़ता है। जिस वजह से यहां के ग्रामीणों को जल जमाव जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। लेकिन इसके बावजूद भी इस समस्या को नजर अंदाज किया जाता है। और आगे ग्रामीणों ने कहा कि यह समस्या अगर हाल हो जाती है तो हमें जो हो रही इस जल जमाव की समस्या अगर समाधान हो जय तो यहां के ग्रामीणों को जल जमाव की समस्या नहीं देखने को मिलेगी

 

 

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